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ज़िंदगी खूबसूरत है !!
By Dr. Nalanda Pandey Wednesday, Jul 08, 2020
कुछ प्रश्न हैं जो कई वर्षों से रह.रह कर मन में उठ खड़े होते हैं कि अक्सर ऐसा क्यों होता है कि किसी भी विषय का नकारात्मक पक्ष हमें ज्यादा दिलचस्प लगने लगता है क्यों अच्छे अनुभव दिमाग से जल्दी निकल जाते हैं किन्तु कड़वी यादों से पीछा छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है क्यों किसी के द्वारा की गई प्रशंसा तो याद नहीं रहती लेकिन आलोचना भुलाये नहीं भूलती क्यों किसी बात के अच्छे पक्ष पर गौर करने की बजाय हमारा ध्यान उस बात के बुरे पक्ष की और टिका रहता है वास्तविकता को छोड़ भी दें और यदि हमें कुछ कल्पना करने को कहा जाए तो दूसरे विकल्प मौजूद होंने के बावजूद भी अधिकांश लोगों के दिमाग में अंधकारमय निराशावादी पक्ष क्यों पहले उभरता है क्या यह इस बात का संकेत है कि नकारात्मकता का आकर्षण सकारात्मक ऊर्जा पर भारी पड़ता है
हैरानी की बात यह है कि अगर मन में उठे भावों को बोल कर व्यक्त करने को कहा जाए तो लोग नकारात्मक भावों को जताने में अपेक्षाकृत झिझकते हैं लेकिन लिखने में उन्हें किसी विषय का अंधकारमय पहलू ज्यादा आकर्षक लगता है ज़ाहिर सी बात है कि नकारात्मकता के प्रति पूर्वाग्रह सोचने में सबसे ज्यादा होता है और लिखते तथा बोलते समय इस पूर्वाग्रह की मात्रा थोड़ी कम होती चली जाती है इस से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि नकारात्मक रवैये पर ध्यान दिया जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है संभवतया जब आदि मानव का जीवन असुरक्षित था तब खतरों को भाँपने और सामना करने के लिए मनुष्य के मस्तिष्क में यह प्रवृत्ति विकसित हुई हो या मानव मस्तिष्क पर नकारात्मक घटना का असर सकारात्मक घटनाओं की तुलना में ज्यादा होता है
जो भी हो मुद्दे की बात यह है कि हम सभी को अपने इस नकारात्मकता के पूर्वाग्रह से बाहर निकलना ही होगा क्योंकि यही पूर्वाग्रह हमें खुश नहीं रहने देता द्य इसी के कारण सब कुछ होते हुए भी जीवन में खालीपन का एहसास बना रहता है नकारात्मकता के इन्हीं भावों के कारण मन में असंतोष और कड़वाहट उत्पन्न होती है जिस के कारण हमें परिवारए समाजए देश और यहाँ तक कि ज़िंदगी से भी शिकायत बनी रहती है वास्तव में यह दुनिया बहुत सुंदर हैं जरूरी यह है कि हम बुरे को महत्वहीन और अच्छे को महत्वपूर्ण समझना सीखें चुप रह कर घुटते रहने की बजाय अपनों से संवाद करें अपने व्यवहार और सोच पर भी पैनी नजर बनाएँ रखें अच्छी बातों और सुखद अनुभवों को बार.बार याद करते रहें अपने आस.पास मौजूद हर छोटी बड़ी खुशियों की कद्र करें और सबसे बड़ी आवश्यकता इस बात की है कि हमारे होंठों पर एक सच्ची मुस्कान हमेशा बनी रहे क्योंकि ज़िंदगी सचमुच बहुत खूबसूरत है!!
Dr. Nalanda Pandey